महारास्नादि काढ़ा एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के शरीर के के दर्द मे किया जाता है और लम्बे समय तक आयुर्वेदिक और प्राचीन ईतिहास मे इसका उपयोग होता है इसका प्राय सेवन जोडों मे दर्द, कमर दर्द, वात पित्त और कफ को ठीक करने मे, श्वासन सम्बन्धित विकार के लिए इसका प्रयोग किया जाता है,
महारास्नादि काढ़ा कई प्रकार की औषधियो से मिलकर बना होता है आज इस आर्टिकल की मदद से हम महारास्नादि काढ़ा के फायदे और नुकसान , ईस्तेमाल करने का तरीका, तथा इसके नुकसान क्या है इसके बारे मे इस आर्टिकल मे बताया गया है।
यह काढ़ा आसानी से मार्केट मे उपलब्ध मे है और इस काढ़े को डाबर, झण्डु, बैद्यनाथ जैसी कम्पनी द्वारा बनाया जाता है जोकि आनलाईन और ऑफलाईन आसानी से उपलब्ध है।
महारास्नादि काढ़ा के बारे मे जानकारी
नाम | महारास्नादि काढ़ा |
ब्रान्ड | डाबर, झण्डु, बैद्यनाथ |
उपयोग | जोडों मे दर्द, कमर दर्द, वात पित्त कफ को ठीक करने मे, श्वासन सम्बन्धित विकार |
युक्त सामग्री | अरण्डी, हरीटकी, देवदार सोठ, अडुषा, बाला तुलसी, सौफ अदरक, अजवाईन, धनिया, दालचीनी, गुड़ |
दाम | 160 RS – 270 RS |
मात्रा | 400 ML |
महारास्नादि काढ़ा की सामग्री
सामग्री | फायदे |
अरण्डी | गठिया रोगो मे, चर्म रोग मे पेट सम्बन्धित विकार मे, एन्टीईन्फलेमेटरी गुण |
हरीटकी | पाचन के सुधारने मे श्वास सम्बन्धित विकार मे कब्ज के ईलाज मे चर्म रोग मे शरीरिक मानसिक रोग में |
देवदार | श्वासन सम्बन्धित विकार मे मासपेंशियो दर्द ठीक करने मे पेट सम्बन्धित विकार मे जोडो के दर्द मे प्राकृतिक एन्टीबैक्टीरियल गुण |
सोठ | पाचन मे सुधार करने मे गैस के ईलाज मे मसुडो की सेहत ठीक करने मे जुखाम मे लाभकारी |
अडुषा | पाचन मे सुधार करने जुखाम और सर्दी मे हदय रोग मे जोडो के दर्द मे मधुमेह रोग मे |
बाला | श्वासन सम्बन्धित विकार मे जोडो के दर्द मे उच्च रक्तचाप मे मोटापे मे, डायबटीज मे वात विकार में |
तुलसी | सर्दी जुखाम मे मानसिक स्वास्थ्य सही करने मे हदय रोग से बचाने मे डायबटीज को कम करने मे श्वास सम्बन्धित विकार मे एन्टीआक्सीडेन्ट |
अदरक | पाचन सुधारना न्यूरोपैथी दर्द सर्दी और जुखाम मे जोड़ो के दर्द म मानसिक स्वास्थ्य मे एंटीऑक्सिडेंट्स |
दालचीनी | मधुमेह के ईलाज मे मुह से बदबु और छाले ठीेक करने मे, पाचन को सुधारने मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में |
गुड़ | हमोग्लोबिन को बढ़ाने मे मासपेशियो को स्वस्थ्य रखने मे पाचन को सही रखने मे एन्टी आक्सिडेन्ट से भरपुर |
अजवाईन | पाचन को सुधारने मे दर्द से आराम मे सुजन को कम करने मे मुह और दॉतो को स्वस्थ्य रखने मे |
महारास्नादि काढ़ा के फायदे और नुकसान
महारास्नादि काढ़ा के फायदे और उपयोग
महारास्नादि काढ़ा शरीर के लिए बहुत लाभकारी है आईए जानते है इसके लाभ क्या है
मॉसपेशियो के दर्द मे
महारास्नादि काढ़ा उपयोग मासेपेंशियो के दर्द के लिए फायदेमन्द है इसका नियमित इस्तेमाल हाथो पैरो मे होने वाले असमान्य दर्द जोकि कभी कभी असहनीय स्थिति मे आ जाते है,उसमे आराम पहुचाता है।
मासपेशियो को दर्द विभिन्न कारणो जैसे पुरानी चोट, नसो मे खिचाव आदि के ईलाज मे महारास्नादि काढ़ा के उपयोेग काफी लाभकारी है। महारास्नादि काढ़ा मे अरण्डी, देवदार, अडुषा, अदरक, गुड़ जैसी औषधियॉ मिली होती है। जोकि मासपेेशियों के लिए बेहद लाभकारी है।
पाचन को सही करने मे
महारास्नादि काढ़ा को सेवन पाचन को दुरुस्त करने मे बहुत सहायक है इसमे मौजुद विभिन्न प्रकार की जड़ी बुटीयॉ जैसे दालचीनी, गुड़, अडूषा, सोंठ आदि हमारे पाचन को ठीक करने मे सहायक है
एवं इसका नियमित इस्तेमाल हमारे पेट मे होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्या जैसे अपच, पेट फुलना, कब्ज ऐसिडीटी से आराम दिलाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने मे
महारास्नादि काढ़ा को सेवन शरीर मे रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़़ाता है अकसर गलत खान पान है हमारी कुछ खराब आदतो के कारण हमारे शरीर मे रोगो से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है जिससे हम जल्दी बिमार पड़ने लगते है
जिसमे महारास्नादि काढ़ा का सेवन हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ साथ इसमे मौजुद विभिन्न औषधियॉ जैसे देवदार,अदरक, अजवाईन, हरीकटी हमारे शरीर को अन्दर से मजबुत बनाते है।
श्वासन सम्बन्धित बिमारीयो को दुर करने मे
महारास्नादि काढ़ा का उपयोग श्वास से सम्बन्धित विकार जैसे दमा,सास का उखड़ना, बेचैनी महसुस होना जैसी समस्याओ से निजात दिलाने मे मदद करता है। इसमे मौजुद विभिन्न प्रकार की जडी बुटीयॉ जैसे तुलसी, हरीकटी,देवदार बाला जैसे तत्व हमारे श्वासन तन्त्र को मजबुत बनाने मे मदद करते है
मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
महारास्नादि काढ़ा का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है इसका उपयोग करने से तनाव और चिंता मे कमी आती और हमारी नीद भी अच्छी होती है। इसमे विभिन्न प्रकार का औषधियॉ जैसे तुलसी अदरक हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने मे मदद करते है जिससे हमारे दिमाग पर सकरात्मक असर पड़ता है।।
वात पित्त और कफ सन्तुलन बनाऐ रखने मे
महारास्नादि काढ़ा का उपयोग हमारे शरीर मे वात, पित्त और कप का सन्तुलन बनाऐ रखने मे मदद करता है इसके असन्तुलन के कारण हमे विभिन्न प्रकार के रोग जैसे बदन दर्द, जोड़ो मे दर्द, पेट की समस्या , सास, गले और फेफडे की समस्या का सामना करना पड़ता है। महारास्नादि काढ़ा मे मौजुद अडूषा, बाला, दालचीनी जैसे तत्व हमारे शरीर मे वात, पित्त और कफ का सन्तुलन बनाये रखने मे मदद करते है।
डायबटीज को ईलाज मे
महारास्नादि काढ़ा का सेवन डायबटीज या सुगर के मरीजो मे बहुत लाभकारी है। इसका उपयोग शरीर मे इन्सुलिन का मात्रा प्रकृतिक रुप से बनाऐ रखने मे मदद करता है
इसमे विभिन्न प्रकार की जड़ी बुटीयॉ जोकि डायबटीज को नियन्त्रण रखने मे मदद करता है। डायबटीज का सीधा असर हमारे शरीर के जरुरी अंगो पर पड़ता है। महारास्नादि काढ़ा का सेवन डायबटीज के लिए किसी वरदान से कम नही है।
शरीर मे खुन की मात्रा को बढ़ाता है
महारास्नादि काढ़ा का सेवन शरीर मे खुन की मात्रा को बढ़ाने मे मदद करता है। इसमे मौजुद विभिन्न प्रकार के तत्व गुड़ बाला, हरीकटी हमारे शरीर मे रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देते है एवं इसका सेवन शरीर मे हेमोग्लोबिन और रक्त कोशिकाओ के उत्पादन को बढाता है जिससे शरीर मे तेजी से खुन बनता है।
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महारास्नादि काढ़ा सेवन की विधि | महारसनादि काढ़ा कैसे पिएं?
- बच्चे और किसी भी रोग से पीड़ित व्यक्ति इसक इस्तेमाल डाक्टरी सलाह से करे।
उम्र | मात्रा | कितनी बार लेना है, | किसके साथ मिलाकर लेना है। |
बच्चे | 2-3 चम्मच | 2 बार (सुबह-शाम) | एक गिलास गुनगुने पानी मे मिलाकर |
व्यस्क (पुरुष-स्त्री) | 3-6 चम्मच | 2 बार (सुबह-शाम) | एक गिलास गुनगुने पानी मे मिलाकर |
बुजुर्ग | 3-6 चम्मच | 2 बार (सुबह-शाम) | एक गिलास गुनगुने पानी मे मिलाकर |
महारास्नादि काढ़ा किस काम आता है
औषधि है जिसका सेवन हमारे विभिन्न प्रकार के शरीर मे होने वाली समस्याओ जैसे श्वासन सम्बन्धित विकार मेएजोडो के दर्द मे,उच्च रक्तचाप मे,मोटापे मे,डायबटीज मे,वात विकार को सही करने और शरीर को निरोगी रखने मे मदद करता है। इसमे अरण्डी,हरीटकी, देवदार, सोठ, अडुषा,बाला,तुलसी जैसी आयुर्वेदिक औषधियों मिली हुई है।
महारास्नादि काढ़ा के नुकसान
महारास्नादि काढ़ा के से निम्नलिखित दुस्प्रभाव हो सकते है।।महारास्नादि काढ़ा के नुकसान. की बात करे तो ये पुरी तरीके से आयुर्वेदिक है लेकिन अधिक मात्रा मे या गलत तरीके से सेवन करने पर निम्नलिखित दुस्प्रभाव देखने का मिल सकते है –
- पेट मे दर्द होना
- शरीर से पसीना आना
- हदय गति बढ जाना
- पेट खराब होना
- चक्कर आना
- उल्टी जैसा महसुस होना
- अपच
- दस्त लगना
- गैस की समस्या होना
- शरीर पर दाने निकलना
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महारास्नादि काढ़ा प्रयोग से सावधानियॉ
महारास्नादि काढ़ा के प्रयोग के समय निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए
- इसका सेवन अधिक मात्र मे करने से बचना चाहिए
- अधिक शराब के सेवन करने वाले लोगों महारास्नादि काढ़ा का सेवन नहीं करना चाहिए
- बच्चों को स्तनपान करने वाली महिलाओ को इसके सेवन से बचना चाहिए
- गर्भवती महिलाओ को महारास्नादि काढ़ा का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए
- किसी भी तरह का साइड इफेक्ट देखने पर इसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए
- शुगर के मरीज इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए
- केन्सर ओर अन्य गंभीर बीमारी की दसा इसका सेवन करने से बचना चाहिए
FAQ
महारास्नादि काढ़ा क्या काम करता है?
महारास्नादि काढ़ा आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की शरीर मे होने वाली परेशानी जैसे जोड़ो के दर्द मे, कफ और पित का बढ़़ना, अपच की समस्या, की बिमारीयो को ठीक करने मे बहुत उपयोगी है इसके अलावा इसका उपयोग शरीर मे हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी बढ़ाता है।
आयुर्वेदिक औषधि 'महारास्नादि क्वाथ' के क्या लाभ हैं?
महारास्नादि काढ़ा का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है इसका इस्तेमाल हमारे वाद, कफ दोष को खत्म करता है, इसके अलावा इसका नियमित इस्तेमाल गठिया के ईलाज मे, जोडो के दर्द मे, सर्दी और जुखाम मे बहुत लाभदायक होता है।
महारास्नादि काढ़ा कब पीना चाहिए?
महारास्नादि काढ़ा का सेवन एक गिलास पानी मे 3 से 6 चम्मच काढ़ा मिलाकर दिन मे 2 बार सुबह शाम भोजन के बाद करना अच्छे परिमाण देता है।
निष्कर्ष
आज इस आर्टिकल मे हमने महारास्नादि काढ़ा के बारे मे जाना और यह भी जाना की इसका सेवन किस प्रकार करते है यह बहुत ज्यादा प्रभावशाली काढ़ा है आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेन्ट करके जरुर बताये और हमारे लिए कोई सुझाव हो तो हमसे जरुर शेयर करे
हेलो दोस्तों मेरा नाम निशा यादव है उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर कानपुर से निवास करती हूं मैं इस पेज की ऑथर और लेखिका हूं मुझे सेहत के संबंधी और दवाइयों के बारे में लिखना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और उनसे जो भी ज्ञान प्राप्त होता है मैं अपनी वेबसाइट के जरिए आप लोगों के साथ शेयर करती हूं 2014 में मैंने m.a. से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया हुआ है वर्तमान में मैं एक संस्था में कार्यरत हूं