baidyanath arjunarishta uses in hindi
वर्तमान समय से हमारे दिल सम्बन्धित विकारो मे तेजी से बढोत्तरी हो रही है जिसके लिए हमारे खान पान का विशेष तौर पर जिम्मेदार है जिसके लिए बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट टानिक एक बेहतरीन औषधि है जोकि हदय सम्बन्धित विकार हार्ट अटैक, नसो मे ब्लाकेज, हदय का अनियमित धड़कना आदि चीजो से बचाता है।
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट 5 आयुर्वेदिक औषधियों से मिलकर बना है जिसका सेवन हमारे दिल के अलावा, किडनी, फेफडे़, पेट अन्य शरीर अंगो के लिए बहुत लाभकारी है |
इस आर्टिेकल मे हम बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के फायदे, नुकसान, इस्तेमाल करने का तरीका सबके बारे मे बताया गया है। जिसका पढ़ कर 50 से ज्यादा लोगो द्वारा इसका उपयोग करके लाभ प्राप्त किया गया है |
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के बारे मे जानकारी
नाम | बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट सिरप |
प्रोडक्ट | बैद्यनाथ PVT LTD |
दाम | 162 RUPEES |
दवा का प्रकार | सिरप |
खाने का तरीका | मुख से |
दवा की अवधि | 26 महीने |
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के क्या है ?
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट बैद्यनाथ कम्पनी की तरफ से आने वाला एक आयुर्वेदिक सिरप है जिसमे विभिन्न प्रकार की जड़ी बुटीयॉ जैसे त्रिवृति,लॉन्ग,कली मिर्च, सौन्ठ, सौंफ, धातकी, गोक्षुर जैसे तत्व मौजुद है|
जोकि हमारे शरीर के विभिन्न अंग जैसे पेट, दिल, किडनी, फेफडे के लिए बहुत फायदेमन्द है। डॅाक्टरो द्वारा इसका दिल की सम्बन्धित बिमारीयो मे सुझाया जाता है। यह बाजार मे विभिन्न मुल्यो और वजन मे उपलब्ध है जिसे आप ऑफलाईन औश्र आनलाईन असानी से खरीद सकते है।
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट मौजुद औषधियॉ या जड़ी बुटीयॉ
औषधियॉ या जड़ी बुटीयॉ | लाभ |
त्रिवृति | शरीर से विषैले पदार्थाे को निकालने मे पाचन तन्त्र को सही रखने मे गठिया रोग के ईलाज मे पथरी को सही करने मे |
लोैंन्ग | पाचन के सुधार मे श्वास नली को दुरुस्त रखने मे हदय रोग के खतरे को कम करने मे |
काली मिर्च | सुजन को कम करने मे पेट को सही रखने मे पाचन के सुधार मे |
सौन्ठ | श्वास नली को दुरुस्त रखने मे सर्दी जुखाम से बचाने एन्टीबैक्टीरियल गुण |
सौंफ | मुह से दुर्गन्ध वाले बैक्टीरिया को मारने मे पाचन के सुधार मे |
धातकी | मासिक धर्म मे डायरिया चर्म रोग के ईलाज मे लिकोरिया को ठीक करनेमे |
गोक्षुर | पुरुषो मे शुक्राणुओ की मात्रा बढ़ाने मे एण्टीआक्सीडेन्ट से भरपुर मधुमेह के नियन्त्रण मे सेक्स इच्छा बढ़ाने मे |
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बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के फायदे
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट निम्नलिखित प्रकार के फायदे है –
हदय को दुरुस्त रखने मे
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का प्रयोग हमारे हदय रोग से बचाने के लिए बहुत फायदेमन्द है इसके लाभ के बारे मे बात करे तो इसक इस्तेमाल हदय नसो मे हाने वाले ब्लाकेज, हदयघात, हदय की गति का अनियमित कम ज्यादा होना जैसे विकार से बचाने मे मदद करता है
लम्बे समय हदय रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिए इसका नियमित सेवन हदय रोग मे बेहद आराम दिलाता है और लम्बे समय तक हदय स्वस्थ्य रखने मे मदद करता है।
किडनी को स्वस्थ्य रखने मे
किडनी को स्वस्थ्य रखने मे – किडनी हमारे शरीर के विशेष अंग है इसक अच्छे तरीके से काम करना बेहद आवश्यक है इसका कार्य हमारे शरीर मे प्रदुषित और अशुद्व खुन को शरीर से बाहर निकालता है। अगर ये ठीक से काम नही करती है तो हमारे शरीर मे विभिन्न प्रकार की बिमारियों से ग्रसित हो जाता है
जिसके ईलाज मे बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट बेहद लाभकारी है। इसमे मौजुद विभिन्न प्रकार के जड़ी बुटीयॉ जैसे त्रिवृति, धातकी, गोक्षुर जैसे तत्व हमारे शरीर मे किडनी को स्वस्थ्य रखने मे मदद करता है, और इसकी कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है।
पेट का स्वस्थ्य रखने मे
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का सेवन हमारे पेट के लिए बेहद लाभकारी है इसका ईस्तेमाल पेट मे कब्ज, अपच, पेट साफ ना होना जैसी समस्याओ को ठीक करने मे मदद करता है । पेट हमारे शरीर के सबसे अहम हिस्सा है और शरीर के विकास के लिए पेट का दुरुस्त होना बेहद जरुरी है
पेट से ही हमारे शरीर मे 70 प्रतिशत बिमारीयॉ जुडी होती है इसलिए पेट का स्वस्थ्य रखना बेहद जरुरी है जिसके लिए बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट बहुत ज्यादा प्रभावकारी औषधि है इसमे लान्ग, सौठ, त्रिवृति जैसी आयुर्वेदिक औषधि मौजुद होते है।जोकि पेट को स्वस्थ्य रखने मे मदद करता है।
श्वास नली को स्वस्थ्य रखने मे
वैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का सेवन हमारे श्वास नली के लिए बेहद लाभकारी है इसका उपयोग श्वास नली सम्बन्धित बिमारीयों को दुर करने के लिए किया जाता है इसके सेवन मे आस्थमा, श्वास रोग, नाक बन्द होना, फुसफुसाना जैसे समस्याओ से निजात दिलाने मे मदद करता है।
इसके अलावा इसका उपयोग श्वास मे होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दुर करने के लिए किये जाते है। इसमे मौजुद सौन्ठ, सौफ जैसे तत्व हमारे श्वास नली को दुरुस्त करने मे मदद करत है।
पुरुषो के प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट को सेवन पुरुषो मे प्रजनन क्षमता को बढा़न मे मदद करता है बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट कई आयुर्वेदिक औषधियॉ जैसे गोक्षुर,त्रिवृति जैसे तत्व मौजुद होते है जोकि शरीर मे प्रजनन क्षमता को बढ़ाते है ।
इसका नियमित इस्तेमाल पुरुषो मे होने वाले शीघ्रपतन, शक्राणुओ की कमी, बाझंपन, ढिलापन जैसी समस्याओ से निजात दिलाने मे मदद करता है।, यह लिंग मे उत्तजेन और नसो मे रक्त प्रवाह को तेज कर देता है जिससे विभिन्न प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है और शरीर मे सेक्स इच्छा को भी जाग्रित करता है।
ल्युकोरिया के ईलाज मे
ल्युकोरिया महिलाओ मे होने वाला एक विकार है जिसके कारण उनके गुप्तांग से सफेद रंग का पदार्थ निकलाता है एवं सुजन की समस्या भी होती है लेकिन बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का सेवन स्त्रीयो मे ल्युकोरिया की समस्या से निजात दिलाने मे मदद करता है बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट मे मौजुद कई औषधियॉ जैसे धातकी, गोक्षुर जैसे तत्व ल्युकोरिया की समस्या को खत्म करने मे मदद करत है।
मधुमेह के नियन्त्रण मे मदद
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का सेवन शरीर मे मधुमेह के नियन्त्रण मे मदद करता है। इसमे मौजुद औषधि गोक्षुर, लौन्ग जैसे तत्व जोकी शरीर मे इन्सुलिन की कमी नही होने देते है और प्राकृतिक इन्सुलिन का काम करते है। इसका नियमित इस्तेमाल लम्बे समय तक शरीर मे मधुमेह को नियन्त्रण मे सहायक होता है।
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बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का प्रयोग की विधि
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट उपयोग करने वाले व्यक्ति की उम्र | बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट की मात्रा | बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट दिन मे कितनी बार लेना है। |
बच्चे [7-18 वर्ष] | डाक्टरी परामर्श से | डाक्टरी परामर्श से |
व्यस्क [18-40 वर्ष] | 3-6 छोटा चम्मच | 2 बार[ सुबह और शाम] |
बुजुर्ग[40-80 वर्ष] | 3-6 छोटा चम्मच | 2 बार[ सुबह और शाम] |
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का प्रयोग बेहद आसान है इसमे आपको एक गिलास मे 30 एम0एल0 गुनगुन पानी लेना है और उसमे 2 से 6 छोटा चम्मच बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट सिरप मिला देना है। उसके बाद इसका सेवन दिन मे 2 बार सुबह और शाम कर सकते है। इसका सेवन भोजन से पहले और बाद कभी भी कर सकते है।
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट से जुड़ी सावधानियॉ
- बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के उपयोग हमेशा डाक्टरी सलाह से करें।
- बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के हमेशा सावधानी से धुप और नमी वाली जगहो से बचा कर रखे दवा पर निर्देशित किये गये तापमान पर रखें।
- डाक्टर द्वारा बताई गई खुराक का पालन करें।
- बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के लेने के बाद किसी भी तरह के साईडइफेक्ट देखने को मिले तो तुरन्त इसका सेवन बन्द कर दे और डाक्टर से सम्पर्क करें।
- गर्भावस्था और स्तनपान जैसे समय मे इसका सेवन ना करे।
- शराब और अन्य एल्कोहल वस्तुओ के साथ इसके सेवन से बचे।।
- बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का सेवन गुनगुने पानी के साथ करें।
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बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट के नुकसान
बैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट वैसे तो आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन गलत तरीके से सेवन और लापरवाही से निम्नलिखित नुकसान और साईडइफेक्ट देखने को मिलते है। (इसके दिये गये दुस्प्रभाव सम्भावित है |)
- पेट मे दर्द
- उल्टी आना
- पेट मे जलन
- दस्त लगना
- सर दर्द होना
- उलझन और चक्कर आना
- खुजली की समस्या होना
- सास की समस्या होना
FAQ
अर्जुनारिष्ट सिरप कब पीना चाहिए?
अर्जुनारिष्ट को 30 एम0एल0 गुनगुन पानी मे 3 से चम्मच मिलाकर सेवन करना चाहिए इसका सेवन भोजन से पहले और भोजन के बाद कभी भी ले सकते है।
अर्जुनारिष्ट किसके लिए प्रयोग किया जाता है?
अर्जुनारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग हदय रोगो को दुर करने मे, श्वास रोग के नष्ट करने मे, पाचन को दुरुस्त रखने मे, किडनी को अच्छी तरीके से रखने मे किया जाता है
अर्जुनारिष्ट कौन सी कंपनी का अच्छा है?
ठंपकलंदंजी अर्जुनारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है और ये काफी प्रभावशाली और जल्दी रिजल्ट देने वाला टोनिक है। इसके विभिन्न प्लेटफार्म पर बहुत ज्यादा सकरात्मक रिव्यू है।
पतंजलि अर्जुनारिष्ट कैसे लें?
अर्जुनारिष्ट को सेवन भोजन से पहले या बाद मे 3 चम्मच अर्जुनारिष्ट सिरप मे 30 एम एल गुनगुना पानी मिलाकर सेवन करना चाहिए जोकि शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल मे हमने जाना की baidyanath arjunarishta uses in hindi, प्रयोग की विधि, सावधानियॉ, नुकसान क्या है यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे कमेन्ट करके जरुर बताये हमारे लिए कोई सुझाव हो तो हमशे जरुर शेयर करे धन्यवाद
हेलो दोस्तों मेरा नाम निशा यादव है उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर कानपुर से निवास करती हूं मैं इस पेज की ऑथर और लेखिका हूं मुझे सेहत के संबंधी और दवाइयों के बारे में लिखना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और उनसे जो भी ज्ञान प्राप्त होता है मैं अपनी वेबसाइट के जरिए आप लोगों के साथ शेयर करती हूं 2014 में मैंने m.a. से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया हुआ है वर्तमान में मैं एक संस्था में कार्यरत हूं